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श्रीउमा कंप्यूटर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इटियाथोक, गोंडा में  विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया,  इंस्टिट्यूट 
के प्रबंधक राकेश तिवारी ने बताया कि इस दिन की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने 2003 में की थी 
आत्महत्या की वजह से हर साल दुनियाभर में आठ लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवाते देते हैं। आत्महत्या करने वालों में (किशोर और युवा) ज्यादातर 15-29  साल के लोग शामिल हैं।
 राकेश तिवारी ने बताया कि नकारात्मक विचार वाले, निराश एवं दुखी रहने वाले, खुद की परवाह न करने वाले, बार बार मरने का ख्याल लाने वाले आदि लक्षणों वाले आत्महत्या के शिकार अधिक होते हैं,

आत्महत्या की  रोकथाम के लिए किशोर और युवाओं को जागरूक करना, तनाव प्रबंधन का  तरीका सिखाना, परिवार को ज्यादा समय देना, दवा एवं काउंसलिंग का सहारा लेना आदि अति आवश्यक है 
जिससे आत्महत्या पर रोक लगायी जा सके, कार्यक्रम में पुरषोत्तम तिवारी, रोली मिश्रा, राजेश शुक्ला एवं सभी छात्र- छात्रा उपस्थिति रहे